1-डा.आशा
पाण्डेय
1
तितली जो
मचल उठी
दिल में
प्रेम खिला
बगिया भी
महक उठी ।
2
हे ईश
विनय सुन लो
कौन सिवा
तेरे
अब चरणों
में ले लो ।
3
गंगा की
छवि न्यारी
दीपक तिरते
हैं
अम्बर –सी छवि
प्यारी
4
मीठी तेरी
बोली
मन में आन
बसी
जैसे मिश्री घोली ।
5
यादों का दीप
लिये
एक
अकेला मन
रोशन
संसार किये।
6
पीपल की छाँव
घनी
माँ के आँचल
-सी
यादों की
राह बनी ।
7
सखियों का
मधुर मिलन
होते पनघट
पर
गीतों के
नव सर्जन.
8
श्रद्धा
से नमन किया
तुलसी
चउरा पर
जलता है
एक दिया ।
9
तारों का
क्या कहना
झिलमिल
चमक रहे
बन रजनी
का गहना.
10
बरसी आँखें तेरी
दिल में
टीस उठी
भीगी
चुनरी मेरी.
-0-
2-कृष्णा
वर्मा
1
सर-सर जब
पवन चले
लहराती
आँचल
मलमल का
थान खुले।
2
ये कैसे
खेल रचे
उलझन की
लच्छी
सपनों के
थान बचे।
3
कैसी
लाचारी है
झूठे
सपनों में
ये उम्र
गुज़ारी है।
4
ये नेह
सदा सरसे
जब-जब
मुरझाऊँ
तू सावन-
सा बरसे।
5
गर तर्ज़
पुरानी हो
लिखना
गीतों में
जो बात
सयानी हो।
-0-
12 टिप्पणियां:
कृष्णा वर्मा, डॉ. आशा पाण्डेय के माहिया बहुत बढ़िया लगे। डॉ. आशा पाण्डेय का माहिया-
पीपल की छाँव घनी
माँ के आँचल -सी
यादों की राह बनी।
और कृष्णा वर्मा का माहिया- ये कैसे खेल रचे
उलझन की लच्छी
सपनों के थान बचे।
बेहद पसंद आये।
आशा जी सारे माहिया अच्छे लगे। विशेष--
गंगा की छवि न्यारी
दीपक तिरते हैं
अम्बर –सी छवि प्यारी
पीपल की छाँव घनी
माँ के आँचल -सी
यादों की राह बनी ।
कृष्णा जी सुंदर माहिया।
ये नेह सदा सरसे
जब-जब मुरझाऊँ
तू सावन- सा बरसे।
आप दोनों को हार्दिक बधाई।
krishna ji va asha ji sabhi mahiya man ke komal udagaaron se bharen hain vishesh roop se ganga mein pure akash ka utar ana tatha ye neh sada sarase......badhai.
pushpa mehra.
धींगरा जी,अनिता जी,पुष्पा जीउत्साहवर्धन के लिये बहुत धन्यवाद.
आशा जी और कृष्णा जी बढ़िया माहिया रचे हैं बधाई .
सुधा जी आपकी उपस्थिति हम सबके लिए उत्साहवर्धक है। बहुत धन्यवाद !!
आशा जी बहुत सुन्दर माहिया सृजन बधाई आपको!
बहुत सुंदर माहिया ! विशेषकर--
बरसी आँखें तेरी
दिल में टीस उठी
भीगी चुनरी मेरी।
तथा
कैसी लाचारी है
झूठे सपनों में
ये उम्र गुज़ारी है।
हार्दिक बधाई डॉ. आशा जी एवं कृष्णा वर्मा दीदी !
~सादर
अनिता ललित
सर-सर जब पवन चले
लहराती आँचल
मलमल का थान खुले।
vaah kamaal ka rupak .
गंगा की छवि न्यारी
दीपक तिरते हैं
अम्बर –सी छवि प्यारी vaah kamaal ka rupak .
sbhi utkrisht
badhaai aap donon ko .
bahut sundar maahiyaa ....
बरसी आँखें ...मलमल का थान ...तर्ज पुरानी ...bahut achchhe lage .
dono rachanaakaaron ko bahut badhaii !
सुंदर
बहुत मनभावन माहिया हैं...|
आप दोनों को बहुत बधाई...|
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