अनिता ललित
1
अश्कों से सींचा
हम याद कहाँ होंगे !
2
तुम बिन मर जाएँगे
साँसें भी अपनी
अर्पित
कर जाएँगे।
3
पीड़ा दिल की भेदी
जीते जी इसने
क्यों मौत हमें
दे दी ?
4
झूठे तेरे वादे
साथ निभाने के
बदले आज इरादे।
5
इक दर्द बसाया है
आँखों मैं मैंने
यूँ तुमको पाया है।
6
आँसू- सा छलकाया
छीन लिया मुझसे
क्यों पलकों का साया?
7
आँसू पी डाले थे
ज़ख़्म
मिले तुमसे
लफ़्ज़ों में ढाले थे।
-0-
14 टिप्पणियां:
अच्छी तरह तरासे हायकू
वाह अनिता जी दर्द की अनुभूति लिए सुंदर माहिया। बधाई
दिल को गहरे स्पर्श करते माहिया सखी !
बहुत बधाई !!
मन को सालते दर्द की भाव पूर्ण अभिव्यक्ति अनिता जी बधाई|
पुष्पा मेहरा
बहुत सुंदर भावपूर्ण माहियाँ ।बधाई अनिताजी।
सुन्दर माहिया दिल के दर्द को बयाँ करते मन को भिगोते ।बधाई अनिता जी।
औरत की संवेदना दिखती है !
bhaut sundar bahut bahut badhai...
आप सभी का हार्दिक आभार ! यूँ ही उत्साह बढ़ाते रहिये !
~सादर
अनिता ललित
behad sundar rachnayen!
Anita ji shubhkamnayen!!
बहुत सुंदर भावपूर्ण माहियाँ ।बधाई अनिताजी।
दर्द की अनुभूति को दर्शाते खूबसूरत माहिया अनीता जी बधाई हो ।
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति अनिताजी।
सम्वेदनात्मक और सुन्दर माहिया के लिए बहुत बधाई...| ख़ास तौर से ये वाला बहुत भाया-
झूठे तेरे वादे
साथ निभाने के
बदले आज इरादे।
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