1-डॉ सरस्वती माथुर
1
बच्चों की नींद
सपनों की तितली
पकड़ने को
दौड़ी
हवा के संग
मन फूलों की गंध
जीवन में आ फैली ।
2
कागा बोला तो
तुम याद आ गए
चौखट मुँडेर पे
धूप ढली तो
हवा पाज़ेब बोली-
शायद वो आ गए।
3
हरसिंगार
अल्लसुबह झर
मन को बुहारता
धूप आती तो
दर्द को पी कर
के
दूर निकल जाता ।
-0-
2- अनिता मंडा
1
हल्दी कुंकुम
रंगे हैं हम-तुम
एक-दूजे के रंग।
कोरा है मन
लिख दिया अर्पण
छूटे न यह रंग।
-0-
3-माहिया
-डाँ सरस्वती माथुर
1
मन में चमके तारे
यादों के पाखी
उड़ते मन के द्वारे ।
2
कब आयेगी पाती
बैठी हूँ साजन
करके दीया बाती
3
सपने ठहरे -ठहरे
ज़ख़्म दिये तूने
हैं बहुत अधिक गहरे।
4
उड़ता मन का पाखी
तेरी यादों की
हाला मैंने चाखी ।
-0-
14 टिप्पणियां:
bahut sundar rachanaayen ..
haardik badhaaii anita ji evam saraswati mathur ji
उड़ता मन का पाखी
तेरी यादों की
हाला मैंने चाखी ।
bahut khoob
badhai
rachana
बच्चों की नींद
सपनों की तितली
पकड़ने को दौड़ी
हवा के संग
मन फूलों की गंध
जीवन में आ फैली ।
sunder bhav
rachana
हल्दी कुंकुम
रंगे हैं हम-तुम
एक-दूजे के रंग।
bahut sunder soch sunder shabd
rachana
सुन्दर रचनाएँ! सरस्वती जी, अनिता जी शुभकामनायें!
बहुत सुंदर रचनाएँ । डाँ सरस्वती जी अनिताजी हार्दिक बधाई।
सुंदर रचनाएँ
सरस्वती जी और अनीता जी सुन्दर रचनाएँ हैं हार्दिक बधाई ।
Sabhi rachnayen bahut bhavpurn hain meri sabhi ko hardik shubhkamnayen....
बहुत सुंदर रचनाएँ । डाँ सरस्वती जी अनिताजी हार्दिक बधाई।
बहुत सुंदर एवं मनमोहक प्रस्तुति !
हार्दिक बधाई सरस्वती जी एवं अनीता !
~सादर
अनिता ललित
bahut sundar rachnayn !!
सभी सेदोका और माहिया बहुत पसंद आए...हार्दिक बधाई...|
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