रविवार, 14 नवंबर 2021

1005-धूप का इंतज़ार

 

धूप का इंतज़ार

सविता अग्रवाल 'सवि'

1

धूप ने ओढ़ी

बादल- चुनरिया

बैठा कुहासा

धूप का इंतज़ार

भरो, प्राण संचार।

2

प्रातः की बेला

धूप का इंतज़ार

खोई किरणें

मुरझाई आशाएँ

अवसादों का घेरा।

3

खिड़की खुली

सूरज नदारद

फीका आकाश

धूप का इंतज़ार

रवि! लाओ बहार।

4

भोर गुलाबी

बदली भरा नभ

मौन किरण

कलम कर रही

धूप का इंतज़ार।

5

सहमी घास

ओढ़–ओस चदरी

करती रही

धूप का इंतज़ार

रात भर न सोई।

6

हिय में तम

हवा संग में उड़े

प्रातः के रंग

धूमिल मन करे

धूप का इंतज़ार।

7

प्रातः उदास

दुबके जीव-जन्तु

करते आस

बाहर है न गर्मी

धूप का इंतज़ार।

8

धूसर नभ

कलियाँ मुरझाईं

निशा भी रोई

पनीले पात करें

धूप का इंतज़ार।

9

तकते नैना

आकाश का अँगना

छुपी लालिमा

फैल रहा कुहासा

धूप का इंतज़ार।

10

नभ के काँधे

दुशाला ओढ़े रवि

धरा को झाँके

धूप का इंतज़ार

मानस मन जागे।

-0-

कैनेडा, दूरभाषः (905) 671 8707

16 टिप्‍पणियां:

Ravindra Singh Yadav ने कहा…

नमस्ते,
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा सोमवार (15 -11-2021 ) को 'सन्नाटा बाजार में, समय हुआ विकराल' (चर्चा अंक 4249) पर भी होगी। आप भी सादर आमंत्रित है। रात्रि 12:01 AM के बाद प्रस्तुति ब्लॉग 'चर्चामंच' पर उपलब्ध होगी।

चर्चामंच पर आपकी रचना का लिंक विस्तारिक पाठक वर्ग तक पहुँचाने के उद्देश्य से सम्मिलित किया गया है ताकि साहित्य रसिक पाठकों को अनेक विकल्प मिल सकें तथा साहित्य-सृजन के विभिन्न आयामों से वे सूचित हो सकें।

यदि हमारे द्वारा किए गए इस प्रयास से आपको कोई आपत्ति है तो कृपया संबंधित प्रस्तुति के अंक में अपनी टिप्पणी के ज़रिये या हमारे ब्लॉग पर प्रदर्शित संपर्क फ़ॉर्म के माध्यम से हमें सूचित कीजिएगा ताकि आपकी रचना का लिंक प्रस्तुति से विलोपित किया जा सके।

हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।

#रवीन्द्र_सिंह_यादव

सुशील कुमार जोशी ने कहा…

वाह

बेनामी ने कहा…

बहुत ही सुन्दर, सरस ताँका।
हार्दिक बधाई आदरणीया।

सादर🙏🏻

प्रीति अग्रवाल ने कहा…

बहुत ही सुंदर , हार्दिक बधाई सविता जी

Ankit choudhary ने कहा…

सुंदर सृजन 🙏

Quiz Website ने कहा…

So Beautiful

सविता अग्रवाल 'सवि' ने कहा…

सर्वप्रथम भाई कम्बोज जी का हृदय से धन्यवाद मेरे ताँका को स्थान देने के लिए। रविंद्र जी का भी धन्यवाद । मेरे ताँका को चर्चा में शामिल करने के लिए।सुशील जी, रश्मि जी, प्रीति जी और अंकित जी का भी हार्दिक धन्यवाद।

सविता अग्रवाल 'सवि' ने कहा…

हार्दिक आभार।

Ramesh Kumar Soni ने कहा…

नभ के काँधे

दुशाला ओढ़े रवि

धरा को झाँके

धूप का इंतज़ार

मानस मन जागे।
सभी ताँका अच्छे हैं-बधाई।
शुभकामनाएँ

dr.surangma yadav ने कहा…

बहुत सुंदर 'धूप का इंतजार'।हार्दिक बधाई।

Reet Mukatsari ने कहा…

धूप का इंतजार,बहुत सुंदर प्रस्तुति। हार्दिक बधाई।-परमजीत कौर'रीत'

Vibha Rashmi ने कहा…

"धूप का इंतजार" बहुत सुन्दर जाड़े के मौसम का ताँका -सृजन । हार्दिक बधाई लें ।

Krishna ने कहा…

बहुत सुन्दर सृजन...हार्दिक बधाई।

सविता अग्रवाल 'सवि' ने कहा…

रश्मि जी, सुरंगमा जी, रीत जी, विभा रश्मि जी और कृष्णा जी आप सभी का हृदय से धन्यवाद।

विकास नैनवाल 'अंजान' ने कहा…

सुंदर सृजन...

प्रियंका गुप्ता ने कहा…

बहुत अच्छे तांका हैं, मेरी बधाई