सविता अग्रवाल 'सवि' (कैनेडा)
1
नम पलकें
तन्हा हुई ज़िंदगी
जुगनू बने मित्र
स्मृति तुम्हारी
मछली- सी तड़पी
मिलन को तरसी ।
2
मरु- हृदय
उगी नागफनियाँ
निहारती वीराने
याद- लड़ियाँ
नयन झरे पानी
तस्वीर ही निशानी ।
3
याद तुम्हारी
सताए हर वक्त
भँवर में चलती
चकरी बनी
तट पाने की आस
हिय- मचल जाती ।
4
गुज़रे दिन
किताब में गुलाब
मुस्कुराहट भरा
निरखे मुझे
देख, प्रेमी युगल
यादों की वीणा बजे ।
5
रौशनी वहाँ
प्रिय- संग है जहाँ
फूटी प्रेम- गगरी
हुआ विछोह
स्मृतियाँ बुहारतीं
मन आँगन, द्वार ।
6
रंगों में रँगा
स्मरण- कैनवास
चित्र उकेरें, हाथ
दर्द दर्शाते
कैसी है सल्तनत?
तुम, आकृति पाते ।
7
यादें सताएँ
मिलन- तार सजे
स्पंदित हिय- वीणा
गूँजती ध्वनि
प्रिय बनो, आलाप
सरगम मैं बनूँ ।
8
याद तुम्हारी
सूखा मरु सींचती
महका रही मन
पाने की हूक
प्रेम बादल बन
आस-प्यास बुझाती ।
9
सुधि-तिनके
घरौंदे बना रहे
पंछी बन उड़ते
नभ में जाते
हिय-डाल पे बैठ
फुदकते रहते ।
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15 टिप्पणियां:
अच्छे सेदोका-बधाई।
भाई कम्बोज जी का हृदय से धन्यवाद। मेरे सेदोका को पत्रिका में स्थान देने के लिए। रमेश सोनी जी का भी आभार ।
भावपूर्ण सृजन हार्दिक बधाई
रीत जी और जोशी जी आपका भी हृदय तल से आभार।
बहुत ही मनभावन सेदोका।
पढ़कर मन प्रसन्न हो गया।
हार्दिक बधाई आदरणीया।
सादर
बहुत सुन्दर और भावपूर्ण सेदोका. बधाई सविता जी.
सभी सेदोका सुंदर विशेषतः मरु हृदय और नम पलकें संविता जी को सुंदर सृजन के लिए अनेकों बधाई!!
रश्मि जी, जेनीजी और प्रीति आप सभी का हार्दिक धन्यवाद। अपना स्नेह बनाएँ रखिए।
बहुत सुंदर भावपूर्ण सेदोका। हार्दिक बधाई सविता अग्रवाल जी।
सभी सेदोका सुंदर सुंदर लगे,बधाई
पुष्पा मेहरा
.
बहुत ही सुन्दर भावपूर्ण प्रेम-वियोग में डूबे सेदोका
हार्दिक शुभकामनाएँ स्वीकार करें
बहुत सुन्दर, भावपूर्ण सेदोका... हार्दिक बधाई सविता जी
यादों की हूक में सराबोर मर्मस्पर्शी सेदोका! सुंदर, भावपूर्ण सृजन हेतु आपको बहुत बधाई आ. सविता जी!
~सादर
अनिता ललित
मनभावन सेदोका के लिए मेरी हार्दिक बधाई
सुदर्शन जी,पुष्पा जी, पुरवा जी ,कृष्णा जी, अनिता जी और प्रियंका जी आप सभी का हृदयतल से आभार |
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