रविवार, 24 नवंबर 2013

दिल के राज (सेदोका)

रेनु चन्द्रा

1.
सफेद पोश 
सामने फिरते हैं
भीतर से देखो तो
काले  होते हैं
जपते राम नाम
कत्ल वो करते हैं ।

2.
जीवन जीते
अंधेरी गलियों में
फिर बढ़ता जाये
घोर अंधेरा
संतप्त मानव को
फिर प्रश्नों ने घेरा ।
-0- 


शशि पुरवार

१ 
धवल वस्त्र 
पहन इठलाये 
मन के कारे जीव 
मुख में पान 
खिसियानी हंसी 
अनृत कहे जीभ।  
२ 
भोले चेहरे 
कातिलाना अंदाज 
शब्द  गुड की डली 
मौकापरस्त 
डसते  है जीवन 
इनसे दूरी भली।
सांचा है साथी  
हर पल का साथ 
कोई बुझ न सका
दिल के राज
विषैला हमराही  
आस्तीन का है साँप।
 -0- 



6 टिप्‍पणियां:

Manju Gupta ने कहा…

aaj ke yathaarth ke badhiyaa sedoko .

badhaai

Pushpa mehra ने कहा…

renu ji va shashi ji ap dono ke sedoka samaj ki visangatiyon ki sunder abhivyakti hai.
pushpa mehra.

Anita Lalit (अनिता ललित ) ने कहा…

सच्चाई को उजागर करते सभी सेदोका ! अति सुन्दर !
रेनू चंद्रा जी , शशि जी, .... हार्दिक बधाई !!!

~अनिता ललित

ज्योति-कलश ने कहा…

आज के कटु सत्य को उजागर करते प्रभावी सेदोका ..बहुत बधाई रेनू जी एवं शशि जी !

Krishna ने कहा…

वास्तविक्ता को दर्शाते सुन्दर सेदोका !
रेनूँ चन्द्रा जी, शशि जी...बधाई !

प्रियंका गुप्ता ने कहा…

यही सच्चाई है आज के जीवन की...बधाई...|

प्रियंका