1-अनिता
ललित
माटी का तन
भर नेह अपार
पावन मन,
जब जगे जीवन
हो जग उजियार !
2
मंत्रोच्चारण-
बच्चे की किलकारी
घर में गूँजे!
नयन दीपमाला
ले खुशियाँ चहकें !
-0-
2-तुहिना
रंजन
1
एक अकेला
कर्म -पथ चलता
माटी का दिया
जूझा अन्धकार से
हो ज्ञान-उजियार ।
2
सूर्य- समान
तेज से दमकता
आस का दिया
देता रहा सम्बल
करता दु:ख- त्राण ।
-0-
3-पुष्पा
मेहरा
1
दीप-ज्योति से-
निर्लिप्त बने हम
गिरि-मन हो
कल्मष -द्वेष हरें
जड़ता-व्याधि टरे।
2
हर आँगन
जला दें ज्ञान-दीप
अज्ञान हटे
तेजस्वी बन जिएँ
ज्ञान-रश्मि चमके।
-0-
4-डॉ
सरस्वती माथुर
1
पर्व अनूठा
मधुर रस घोले
ज्ञान ज्योति से
आस्था की ज्योति जला
रोशनी को टटोले l
-0-
5-ऋता शेखर 'मधु'
1
लौ ने डराया
तम तिलमिलाया
दीप के तले
छुपा है चुपचाप
कर रहा प्रलाप ।
-0-
6-सुभाष
लखेड़ा
1
1
स्नेह तेल के
ऐसे दीप जलाएँ
दिवाली पर
जो कभी बुझे नहीं
इस धरती पर ।
-0-
ऐसे दीप जलाएँ
दिवाली पर
जो कभी बुझे नहीं
इस धरती पर ।
-0-
7-सुदर्शन
रत्नाकर
1
झिलमिलाते
सितारे उतरते
टिमटिमाते
दीप बन जलते
वसुधा की गोद
में ।
-0-
8- मंजु गुप्ता
1
दीपक लौ में
जले द्वेष- कालिमा
दिव्य ज्योति - सी
फैले रवि की लाली
छा जाए खुशहाली ।
2
क्रूर तम में
दीप अवलियों से
रौशन होती
रजनी दिवाली की
लगती महारानी ।
3
युगों - युगों से
मना रहे दीवाली
आस्था का दीप
तकनीकी युग में
थाती को है ढो रहा ।
4
दीपों की लौ में
जल - जल के जले
मन मलिन
उजाला हो भीतर
करें ऐक्य जग से ।
5
प्रकाशित हो
कर्म की दीप शिखा
हो ज्योतिर्मय
फिर जग सकल
मिले सभी को शान्ति ।
-0-
1 टिप्पणी:
सुन्दर...अवसर के अनुसार तांका के लिए सभी को हार्दिक बधाई...|
प्रियंका
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