रविवार, 12 मई 2013

विश्व- गरिमा


1-मंजु गुप्ता
1-ईश का रूप माँ
जग में माँ है 
सत्यम् - शिवम् - सुंदरम् 
हैं विश्व शक्ति 
ईश्वरीय रूप वे 
उसके आगे 
फीके हैं सारे रिश्ते 
 तौले माँ के 
उन सारे  गुणों को 
है झुक जाता 
तराजू का पलड़ा ,
धैर्य - त्याग की 
प्रतिमूर्तियाँ हैं वे 
रहें अटल 
कर्तव्य पालन में,
हर माँ होती 
अपनी संतान की 
प्रथम  स्कूल 
जीवन निर्माण को 
गढ़ती वह 
वर्तमान - भविष्य 
को सँवारती 
भुवन भी उनका 
करे गुणगान 
बाधा - उलझनों को 
सुलझा देती 
माँ से बड़ी जग में 
नहीं कोई दौलत ।
-0-
2-हर धड़कन में  माँ  

 माँएँ हैं  दुर्गा 
अनंत की महिमा 
विश्व-  गरिमा 
सृष्टि की निपुणता 
प्रेम की गंगा 
विवेक में द्रौपदी 
पतिव्रता में 
सीता-अनसूया-सी 
सावित्री बन 
यम शास्त्रार्थ कर 
वापिस लाई 
पति सत्यवान को 
हैं प्रमाण ये 
कर्तव्यपालन के 
स्नेह - ममता 
देती जीवनभर 
सेवा - सुश्रूषा
 करके  तृप्त होता 
जगजीवन 
हर धड़कन में 
बसी रहती है माँ ।
-0-
2-डॉ सरस्वती माथुर
1
प्रेम अगाध
संतानों के साथ है
माँ की दुआएँ
है अनूठी ये बात
रहें दुःख में साथ l
3
कठिन पथ
थाम जीवन -रथ
पार कराए
प्रगति- पथ पर
माँ ही लक्ष्य दिखाए

6 टिप्‍पणियां:

Anita Lalit (अनिता ललित ) ने कहा…

डॉ सरस्वती माथुर जी .... बहुत सुंदर चोका !
मंजू गुप्ता जी ... बहुत सुंदर ताँका !
~सादर!!!

ऋता शेखर 'मधु' ने कहा…

ईश का रूप माँ...हर धड़कन में माँ...सच्ची बात...चोका बहुत भावपूर्ण है|
मंजु गुप्ता जी को बहुत बहुत बधाई !!

जीवन के कठिन पथ पर हम माँ के सहारे ही चल पाते हैं...
सरस्वती माथुर जी के ताँके बहुत सुंदर हैं...सादर बधाई!!

Meenakshi ने कहा…

sunder abhivkti

Manju Gupta ने कहा…

आप सभी का आभार .

ज्योति-कलश ने कहा…

माँ को समर्पित सुन्दर रचनाएँ ...बधाई ..बहुत शुभ कामनाएँ दोनों रचनाकारों को !!

सादर
ज्योत्स्ना शर्मा

प्रियंका गुप्ता ने कहा…

सुन्दर भावपूर्ण चोका और तांका के लिए बधाई...|

प्रियंका