सबको स्वाधीनता दिवस की
असीम शुभकामनाएँ !
सम्पादक द्वय
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डॉ.
ज्योत्स्ना शर्मा
रे कवि
मन
बस अब
वीरों का
कर
अभिनन्दन
भाए न
मुझे
बिंदिया
या कजरे
कंगन का
वंदन ।
2
लें
केसरिया
गूँज उठे
धरती
केसरी -सा गर्जन
जागें जो
सोए
शावक
सिंहनी के
डरे, विद्रोही मन ।
3
धवल
कान्ति
बने मन
निर्मल
सौम्य
शांत उज्ज्वल
तिरंगा
मेरा
जग में फहराए
सुख -शान्ति बढ़ाए ।
4
क्षमा
सहेजें
अनाचार
गद्दार
कभी नहीं
स्वीकार,
उग्र तेज
से
रहे
दीपित माथा
लिखें
गौरव गाथा ।
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6 टिप्पणियां:
वाह...सभी सेदोका देशभक्ति की भावना से ओत प्रोत है|
डॉ ज्योत्सना शर्मा जी एवं त्रिवेणी परिवार को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक बधाई!!
ज्योत्स्ना जी , आपके सभी सेदोका सामयिक और ऊर्जावान हैं। मुझे ये पंक्तियाँ बहुत ही अच्छी लगीं -- "उग्र तेज से/रहे दीपित माथा/लिखें गौरव गाथा ।" ! आपको बधाई।
आप सभी को आजादी की साल गिरह की हार्दिक शुभकामनाएं !
ऋता शेखर मधु जी ,Subhash Chandra Lakhera जी ...सुन्दर प्रतिक्रिया हेतु हृदय से आभार !
समस्त त्रिवेणी परिवार को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभ कामनाएँ !!
सादर
ज्योत्स्ना शर्मा
बेहतरीन !
jyotsna ji apke sabhi sedoka desh bhkti se otprot hain manga divas ki subh kamnayen.
pushp mehra
हृदय से आभार ....aa Pushpa Mehra ji evam Sushila ji
saadar
jyotsna sharma
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