सुदर्शन रत्नाकर
भाई है दूर
आने में मज़बूर
छोटी बहना
राह है निहारती
आएगा भाई
सूनी -सूनी आँखों में
जलाए बैठी
दीपक आशाओं के
नेह के तार
करते इंतज़ार
कब आओगे
राखी बँधवाओगे
सीमा पास से
संदेश भिजवाया -
मुझे याद है
राखी का त्योहार है
दूर हूँ तो क्या
मन तेरे पास है
मेरी बहना
मैं बहुत ही जल्दी
घर आऊँगा
राखी बँधवाऊँगा
वह दिन भी
त्योहार हो जाएगा
परिस्थितियाँ
बदलती रहतीं
एक पल भी
उदास मत होना
मेरी नन्ही बहना ।
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4 टिप्पणियां:
घर आऊँगा
राखी बँधवाऊँगा
वह दिन भी
त्योहार हो जाएगा....सचमुच ....बस बहुत सुन्दर प्रस्तुति ...बहुत बधाई ....शुभ कामनाएँ !!
सादर !
बहुत सुन्दर चोका....बधाई!
रक्षा बंधन के पावन त्यौहार से जुड़ा आपका चोका बहुत सुन्दर हैं। आपको रक्षा बंधन की शुभकामनाएं!
दिल को छूने वाला खूबसूरत चोका के लिए बहुत बधाई...|
प्रियंका
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