शशि पुरवार
1
1
कैसी आजादी थी
भू का बँटवारा
माँ की बर्बादी थी।
2
सरहद पे रहते है
उनका दुख पूछो
वे क्या -क्या सहते हैं।
3
बतलाऊँ कैसे मैं
सबकी चिंता है
घर आऊँ कैसे मैं ?
4
हैं घात भरी रातें
बैरी करते है
गोली की बरसातें।
5
भू का बँटवारा
माँ की बर्बादी थी।
2
सरहद पे रहते है
उनका दुख पूछो
वे क्या -क्या सहते हैं।
3
बतलाऊँ कैसे मैं
सबकी चिंता है
घर आऊँ कैसे मैं ?
4
हैं घात भरी रातें
बैरी करते है
गोली की बरसातें।
5
प्रेम भरी ये बोली
दुश्मन क्या जाने
खेले खूनी होली
6
स्वर सारे गुंजित हो
गूँजे जन -गन -मन
भारत सुख रंजित हो।
दुश्मन क्या जाने
खेले खूनी होली
6
स्वर सारे गुंजित हो
गूँजे जन -गन -मन
भारत सुख रंजित हो।
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8 टिप्पणियां:
शशि जी ! आप के सभी माहिया मनभावन, अर्थवान और सामयिक हैं।
आपको आजादी की साल गिरह की हार्दिक शुभकामनाएं और उत्तम सृजन के लिए बधाई !
bahut hi sundar mahiya sabhi vishes kar 2nd wala or last wala mujhe bahut hi badhiya laga .. @shashi ji ..subhkamnaye
देश प्रेम की भावनाओं से भरे सुन्दर माहिया शशि जी ...बहुत बधाई ....हार्दिक शुभ कामनाएँ !
सादर
ज्योत्स्ना शर्मा
batlaun kaise main sab ki chinta hai, ghar aaun kaise main.......prem bhari ye boli, dushman kya jaane , khelen khun ki holi
Sashi ji,bahut sundar bhavavyakti, sashakt lekhan hetu , badhai. azadi ki varshganth ki hardik shubh kamanayen.
pushpa mehra
subhash ji ,jyotsana ji , sunita ji ,pushpa ji aap sabhi ka tahe dil se abhaar ,aapka sneh anmol hai , abhaar
sandhu ji , kamboj bhaisahab aapka tahe dil se abhaar .
वाह शशि जी,
वीर सैनिकों के ह्रदय के भावों को बहुत ख़ूबसूरती से माहिया में बांधा है | मेरी अशेष सराहना स्वीकार करें
सस्नेह,
शशि पाधा
शशि,
वाह! सैनिकों के मन की भावों को बहुत सुघड़ता से बांधा है आपने इन माहिया में | अशेष सराहना स्वीकार करें |
सस्नेह,
शशि
सब माहिया बहुत ही सुन्दर...हार्दिक बधाई...|
प्रियंका गुप्ता
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