1-हरकीरत हीर
1
कैसी ये प्रीत
हुई
नींद हुई बैरन
कटती ना रात
मुई।
2
कैसे ये पीर
सहें
तुझ बिन अब
प्रीतम
अखियों से नीर
बहे ।
3
ज़ख्मों के छाले
हैं
बरसों से दिल
में
यादों को पाले
हैं ।
4
कैसा ये रोग लगा
हीर हुई जोगन
इक तू ही मीत सगा।
5
इश्क़ -पगा धागा था
तोड़ दिया तूने
कुछ और न माँगा
था।
6
मन के ना फूल खिले
प्रीत वहीं
खिलती
दिल भी जिस ठौर मिले ।
7
लिख दे वो गीत
पिया
रूठ गई नज़्में
जब से तू मीत
गया ।
8
कैसी सौग़ात मिली
अश्क़ रहे पीते
दर्द भरी रात
ढली
9
तू भी मुझ संग
जगे
आ रे ,ओ चन्दा
तुझ से ही नेह
लगे ।
10
तूफ़ाँ ले आते
हैं
आँखों के आँसू
जो बह ना पाते
हैं ।
11
साँसें अहसान बनीं
जब से तुम रूठे
खुशियाँ अनजान बनीं
।
-0-
18 टिप्पणियां:
interesting heer ji
हीरजी आपने अपने दिल के दर्द को पूरी तरह से उँडेल दिया है। बहुत सुंदर माहिया।
भावपूर्ण लय में सधे उत्तम माहिया। हीर जी बधाई।
shabd - shabd bolte sbhi maahiyaa .
badhaai
भैया आभार ....आपके कहने पर ही लिख पाई ..हाँ दर्द मेरा था ....
कमला जी , शुदर्शन जी , अनीता जी , मंजू जी शुक्रिया आप सब को पसंद आये .....
मन की पीड़ा को ब्याँ करते बहुत भावपूर्ण माहिया हीर जी...बधाई!
प्रीत की डोर में बंधकर मन के हालात बयां करते माहिया |
कैसी ये प्रीत हुई
नींद हुई बैरन
कटती ना रात मुई
तूफां ले आते हैं
आँखों के आंसूं
जो बह नहीं पाते हैं |
कैसी सौगात मिली
अश्क रहे पीते
दर्द भरी रात ढली |
हरकीरत जी सुन्दर माहिया की रचना पर आपको हार्दिक बधाई |
हरकीरत जी, मन की पीर शब्दों में पिरोई और सुन्दर माहिया का सृजन हुआ | आपको बधाई |
शशि पाधा
लिख दे वो गीत पिया
रूठ गई नज़्में
जब से तू मीत गया ।
sunder mahiya dard ko sunder shabdon ka jama pahnaya hai
badhai
rachana
तूफ़ाँ ले आते हैं
आँखों के आँसू
जो बह ना पाते हैं ।
Bahut Khub bahut achhe mahiya hain aapko badhai..
sabhi maahiya behad sundar!
तूफ़ाँ ले आते हैं
आँखों के आँसू
जो बह ना पाते हैं..............vishesh laga!
Harkeerat ji, shubhkaamnaayen!
preet mein page...dard mein doobe pyare mahiya
man choo liya -
साँसें अहसान बनीं
जब से तुम रूठे
खुशियाँ अनजान बनीं ।...badhai harkeerat ji !
-
सभी माहिया बहुत ही भावपूर्ण हैं|
मन की पीर को शब्दों का साथ मिला और दिल को छू गए सारे के सारे
...बहुत बधाई हीर जी को|
ज़ख्मों के छाले हैं
बरसों से दिल में
यादों को पाले हैं ।
वाहहहह खूबसूरत!!अभिव्यक्ति
लयात्मक माहिया दर्द से पगे हुए!!!!
बिरहा का साथ
बेहद ख़ूबसूरत माहिया ...
तूफ़ाँ ले आते हैं
आँखों के आँसू
जो बह ना पाते हैं....बेहतरीन !!
हार्दिक बधाई हीर जी !!
हीर जी भाव पूर्ण माहिया। अति सुन्दर
सब एक से बढ़कर एक। दिल छूते हुए। बधाई
हीर जी, आपकी कलम से जब दर्द भरे शब्द झरते हैं तो जैसे पढने वाले का कलेजा चीर जाते हैं...| बहुत ही खूबसूरत माहिया...हार्दिक बधाई...|
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