ज्योत्स्ना प्रदीप
1
सब
कुछ उ्नसे बाँटा
उस
दिन से नाता
उसने
मुझ से काटा ।
2
दम
बहुत दुआओं में
मौत
खड़ी सिर पे
हम
मस्त फ़िजाओं में
3
आँसू
औ गीत भले
जीवन
प्यारा है
जब
हमको आप मिले ।
4
हाँ
,हम
तो रोये थे
दुख तेरा ही था
गहरे
तुम सोये थे ।
5
मुठ्ठी में भर
आशा
तुमसे
ही सीखा
जीवन
है अभिलाषा ।
-0-
12 टिप्पणियां:
ज्योत्स्ना जी बहुत ख़ूब!!!
मुठ्ठी में भर आशा
तुमसे ही सीखा
जीवन है अभिलाषा ।
हार्दिक बधाई
हर माहिया बहुत भावपूर्ण, दिल को छूने वाला !
हार्दिक बधाई ज्योत्स्ना जी !
~सादर
अनिता ललित
sabhi mahiya man ko chhune vale hain. jyotsna ji badhai.
pushpa mehra.
सुन्दर भावपूर्ण माहिया ज्योत्स्ना प्रदीप जी......हार्दिक बधाई।
sundar! badhai..
सुन्दर ,मोहक माहिया ...
मुट्ठी में भर आशा ...बहुत सुन्दर !
हार्दिक बधाई ज्योत्स्ना जी !!
abhaar aadarniy himanshu ji evam haedeep ji ka jo hame yahan sthaan dete hai..saath hi aap aap sabhi ka ...........
aap se mila protsahan amuly nidhi hai mere jeevan ki .....abhaar !
ज्योत्सना प्रदीप जी ,सभी माहिया बहुत मोहक हैं विशेषकर ...दम बहुत दुआओं में ...ने गहरी छाप छोडी है |हार्दिक बधाई |
बहुत खूब , शब्दों की जीवंत भावनाएं... सुन्दर चित्रांकन
कभी यहाँ भी पधारें
भाव पूर्ण माहिया ज्यात्स्ना जी। बधाई
सब कुछ उसने बांटा.....गहरा
savita ji ,madan mohan ji evam manjusha ji abhaar aapka utsaahbadhane ke liye .
सभी माहिया बहुत बेहतरीन लगे, पर यह वाला तो जैसे मन को छू गया |
हाँ ,हम तो रोये थे
दुख तेरा ही था
गहरे तुम सोये थे ।
हार्दिक बधाई...|
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