अनिता मंडा
1
हरसिंगार
हर शाम सँवरे
भोर बिखरे
बाँटने को ख़ुशबू
बूँद-बूँद से झरे।
2
रूह को मेरी
अब करार आया
मिली रौशनी
इबादत- किराया
हर पल चुकाया।
3
कैसे दिखते
हमको ये सितारे
इतने प्यारे
जो राह में तुम यूँ
न बिछाते अँधेरे ।
-0-
16 टिप्पणियां:
सुंदर तांका ...
सुन्दर तांका ...बधाई
अनीता जी रूह को मेरी अब करार आया ...... बहुत सुन्दर तांका है पूरे भाव बयां हो गए हैं इसमें |बधाई हो |
bahut sundar taanka anita ji ,rooh ko meri ab karaar aaya ..behad bhaavpurn !badhai ke saath -jyotsna pradeep
अनीता जी सुन्दर तांका .....बधाई!!!
आदरणीय मेरे ताँका को यहां स्थान देने हेतु आभार
हीर जी, गुँजन जी, सविता जी, ज्योत्स्ना जी व ढींगरा जी
आप सबका दिल से शुक्रिया।
बहुत बढ़िया ताँका। कितनी सुंदर बात पिरो लाया यह ताँका … कैसे दिखते /हम को ये सितारे /इतने प्यारे / जो राह में तुम यूँ / न बिछाते अँधेरे / बधाई।
Beautiful
sabhi tanka bahut sunder hain anita ji badhai.
pushpa mehra.
बहुत सुन्दर ताँका...अनीता जी बहुत बधाई।
behad sundar, bhavpoorn tanka!
सुंदर तांका अनीता जी
कैसे दीखते
हमको ये सितारे......
सुन्दर
सुंदर ताँका अनीता जी !
हार्दिक बधाई आपको!
~सादर
अनिता ललित
हरसिंगार
हर शाम सँवरे
भोर बिखरे
बाँटने को ख़ुशबू
बूँद-बूँद से झरे।
BAHUT PAYARA TANKA ..BAHUT BAHUT BADHAI AAPKO...
बहुत सुन्दर भावपूर्ण ताँका !!
रूह को मेरी ...और ...कैसे दीखते ..बहुत-बहुत अच्छे लगे ..
रूह में सुकून और उजाला भरते ...हार्दिक बधाई अनिता जी !!
हरसिंगार
हर शाम सँवरे
भोर बिखरे
बाँटने को ख़ुशबू
बूँद-बूँद से झरे।
क्या बात है...| हार्दिक बधाई...|
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