रविवार, 3 नवंबर 2013

माटी का तन


1-अनिता ललित 
1
माटी का तन
भर नेह अपार
पावन मन,
जब जगे जीवन
हो जग उजियार !
2
मंत्रोच्चारण- 
बच्चे की  किलकारी
घर में गूँजे! 
नयन दीपमाला
ले खुशियाँ चहकें !
-0-
2-तुहिना रंजन
1
एक अकेला  
कर्म -पथ चलता  
माटी का दिया  
जूझा  अन्धकार से  
हो ज्ञान-उजियार  
2
सूर्य- समान  
तेज से दमकता  
आस का दिया  
देता रहा सम्बल  
करता  दु:- त्राण ।
-0-
3-पुष्पा मेहरा
1
दीप-ज्योति से-
निर्लिप्त बने हम
गिरि-मन हो
कल्मष -द्वेष हरें
जड़ता-व्याधि टरे।
2
हर आँगन
जला दें ज्ञान-दीप
अज्ञान हटे
तेजस्वी बन जिएँ
ज्ञान-रश्मि चमके।
-0-
4-डॉ सरस्वती माथुर
1
पर्व अनूठा
मधुर रस घोले
ज्ञान ज्योति से
आस्था की ज्योति जला
रोशनी को टटोले l
-0-
5-ऋता शेखर  'मधु'
1
लौ ने डराया
तम तिलमिलाया
दीप के तले
छुपा है चुपचाप
कर रहा प्रलाप ।
-0-
6-सुभाष लखेड़ा
1
स्नेह तेल के
ऐसे दीप जलाएँ
दिवाली पर
जो कभी बुझे नहीं
इस धरती पर ।
-0-
7-सुदर्शन रत्नाकर
1
झिलमिलाते
सितारे उतरते
टिमटिमाते
दीप बन जलते
वसुधा की गोद में
-0-
8- मंजु गुप्ता
1
दीपक  लौ में 
जले द्वेष- कालिमा 
दिव्य ज्योति - सी 
फैले रवि की  लाली  
छा जाए खुशहाली ।
2
क्रूर तम में 
दीप अवलियों से 
रौशन होती 
रजनी दिवाली की 
लगती महारानी । 
3
युगों - युगों से 
मना रहे दीवाली 
आस्था का दीप 
तकनीकी युग  में 
थाती को  है ढो रहा ।
4
दीपों की लौ में 
जल - जल के जले 
मन  मलिन 
उजाला हो भीतर 
 करें ऐक्य जग से ।
5
प्रकाशित हो  
 कर्म की दीप शिखा 
हो ज्योतिर्मय 
फिर  जग सकल 
 मिले सभी को शान्ति ।
-0-


1 टिप्पणी:

प्रियंका गुप्ता ने कहा…

सुन्दर...अवसर के अनुसार तांका के लिए सभी को हार्दिक बधाई...|

प्रियंका