शुक्रवार, 8 मार्च 2013

तेजोमयी


1-डॉ ज्योत्स्ना शर्मा
1
मै तारिका -सी
मन आकाश दिपी
उज्ज्वल औ शीतल
मधुर गीत
भाव भरा कोमल
रुनझुन  पायल ।
2
मेरी गोद में
छुपोगे अभी तुम
यू आँचल पसारा,
ममता कहे-
दुख की छाया न हो
हाँ,सुख पा लो सारा  ।
3
अनुरागिनी
चाहा अनुराग से
भरूँ मन  तुम्हारा
दू प्यार सारा
अपनाते तो तुम
सहज विश्वास से ।
4
जानोगे कब ?
मै हूँ तुम्हारे लिए
प्रेम अमृत  लिये
बना लो मुझे
बस द्वार- तोरण
या आँगन की वृन्दा ।
5
तेजोमयी सी
तेरे दिये ताप से
जागरित हो गई
उदात्त हो या
अनुदात्त हो तुम
मै स्वरित हो गई ।
-0-
2-रेनु चन्द्रा माथुर
1
सच में नारी
तू सशक्त स्तम्भ है
पुरुष जीवन का
तेरे बिना तो
गृहस्थी ना हो पूरी
ज़िन्दगी  है अधूरी।
2
बेटी मेरी तो
बगिया में फूल- सी
देश के सैनिक -सी
शान बढ़ाती
मुश्किलों से लड़ती
न झुकती है कभी ।
-0-

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