सुदर्शन रत्नाकर
1
बादल ये बरसे
हैं
धरती भीग गई
सबके मन सरसे हैं
।
2
सपने तो सपने हैं
दु:ख में साथ रहें
वे ही तो अपने
हैं ।
3
अम्बर में तारे हैं
दुनिया सोती है
ये दुख के
मारे हैं ।
4
लो चिड़िया चहकी
है
तुम जो आए तो
यह बगिया महकी है
।
5
ईश्वर की माया है
जो कुछ बोया है
वो ही तो पाया है
।
-0-
4 टिप्पणियां:
" ईश्वर की माया है/ जो कुछ बोया है/ वो ही तो पाया है।".. बेहतरीन .....सभी माहिया प्यारे हैं.....सुदर्शन जी, हार्दिक बधाई!
सुन्दर भावों से भरे मोहक माहिया ...बहुत बधाई !!
सादर
ज्योत्स्ना शर्मा
सपने तो सपने हैं
दु:ख में साथ रहें
वे ही तो अपने हैं ।
बहुत अच्छा...सभी माहिया प्रभावशाली हैं...बधाई...|
प्रियंका
लो चिड़िया चहकी है
तुम जो आए तो
यह बगिया महकी है ।
वाह माहिया की बगिया महक रही है !
बधाई
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