माहिया
1-कृष्णा वर्मा
1
झम-झम बादल बरसा
सूने हैं नैना
मन रह-रह कर तरसा ।
2
लो सावन क्या
आया
नदिया झूम उठी
फिर से यौवन
छाया।
-0-
2-डॉ सरस्वती माथुर
1
मन मेरा सावन है ।
हम तुम साथ रहें
हम तुम साथ रहें
मौसम मनभावन है ।
-0-
सेदोका
अरुण कुमार रुहेला
1
इन्द्रधनुष
हर नभ -मन में
भरे रंग संगीत ,
जीवन नाचे
गाती मधुर गीत
पानी की हर बूँद ।
2
बादल प्यासा
रुका मरुभूमि में
पाने जीवन-जल,
था दृष्टिभ्रम
जलद खूब रोया
और बाँटा जीवन ।
-0-
8 टिप्पणियां:
बहुत सुन्दर प्रस्तुति है
कभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें
http://saxenamadanmohan.blogspot.in/
सभी माहिया और सेदोका सामयिक और मनभावन हैं। कृष्णा जी, डॉ सरस्वती जी और अरुण जी , आप सभी को सावन की शुभकामनाएं !
वाकई सावन आ गया....
Krishna ji, Saraswati ji, Arun ji sawan ki fuharon se aap teeno ke
maahiyaa aur sedoka bheege hue hain. Badhai.
Pushpa mehra
sundar rachnaye :)
सुन्दर माहिया हैं। सभी रचनाकारों को बधाई !
सुन्दर ,सरस प्रस्तुति ...सभी रचनाकारों को बहुत बधाई !!
सादर
ज्योत्स्ना शर्मा
मनभावन सावन की सौगात की सुंदर प्रस्तुतियाँ .
बधाई
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