शनिवार, 15 मार्च 2014

होली की गूँज

 पुष्पा मेहरा     
1

होली की गूँज
 मगन  सब  मन
 बिसर  गये  बैर,
  मिले हैं  गले
 मन-झाँझर  बजे
 रंग  ही रंग उड़े ।
       
2
आई है होली 
 ख़ुशियों की बौछार
भर लाई  है छोरी,
फूली बगीची
हर घर रँगोली
 मन है पिचकारी ।
3
 फाग के स्वर
 मृदंग की थाप पा
 होंठों पे  ठुमकते,
  थिरकें पग
 हवा भी रंग गई
 रंगों की फुहार से ।
      4
  होली - धमाल
 पिचकारी यादों की
 भर  लाई है  रंग,
  बीते  हैं  वर्ष
 उदास दिन -रैन
 पास  नहीं  हैं कंत !
      5
कान्हा की बंशी
स्वर-रंगों में  डूबी
होंठों को छू के हँसी,
ब्रज  में  बजी
गोपी-मन  मोहके
राधा को भिगो गई ।
     6
 फागुनी हवा
 शीत से उलझती
 भागती चली आई,
 थामे न थमी
 हठीली मीठी-मीठी
 सिहरन  जगाती ।

-0-

8 टिप्‍पणियां:

सुनीता अग्रवाल "नेह" ने कहा…

sundar

ब्लॉग बुलेटिन ने कहा…


ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन संदीप उन्नीकृष्णन अमर रहे - ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !

Anita Lalit (अनिता ललित ) ने कहा…

होली के त्योहार में भीगे, रंगे सुन्दर सेदोका !
पुष्पा जी आपको सपरिवार होली की हार्दिक शुभकामनाएँ ! :)

~सादर
अनिता ललित

Krishna ने कहा…

बहुत सुन्दर सेदोका....पुष्पा मेहरा जी होली की बहुत शुभकामनाएं !

Jyotsana pradeep ने कहा…

phaguni raag rang liye bahut khoobsurat rachnaye.........aapko holi ki bahut saari shubh kaamnaye

Pushpa mehra ने कहा…

ap sabhi bahano k i utsah vardhak pratikriyaen padh kar man me indradhanushi rang bichh gaye. ap sabhi ko dhanyavad. holi ki
anek subhkamanayen.
pushpa mehra.

ज्योति-कलश ने कहा…

खुशियों के रंगों की बौछार लिए छोरी बहुत प्यारी लगी ...हार्दिक बधाई ...शुभ कामनाएँ !!

प्रियंका गुप्ता ने कहा…

आई है होली
ख़ुशियों की बौछार
भर लाई है छोरी,
फूली बगीची
हर घर रँगोली
मन है पिचकारी ।
बहुत सुन्दर...बधाई...|