1-स्वतंत्रता दिवस (चोका) - ज्योतिर्मयी पन्त
भारत गाथा
अप्रतिम स्वदेश
स्वर्ण चिरैया
मोहे सब का मन
सदियाँ बीती
आक्रामक विदेशी
बर्बर बन
लूटते रहे जन
कोई व्यापारी
बनके आया यहाँ
लो धीरे- धीरे
सरताज हो गए
ले लिया राज
अपने ही हाथो में
हम गुलाम
वे भाग्य निर्णायक
धन दौलत
कोहिनूर रतन
सब उनके
प्रजा प्रताड़ित हो
मूक विवश
अपने ही घर में
आत्मा जो जागी
बिगुल बज उठे
स्वतंत्रता के
मंगल पांडे वीर ,
लक्ष्मीबाई ने
जो अलख जगाई
क्रांति हो उठी,
भगत सिंह साथी
विस्मिल और
आज़ाद चढ़े फाँसी
नेता सुभाष
वीर हजारों हुए
शहीद यहाँ
कालापानी की सजा
भारत गाथा
अप्रतिम स्वदेश
स्वर्ण चिरैया
मोहे सब का मन
सदियाँ बीती
आक्रामक विदेशी
बर्बर बन
लूटते रहे जन
कोई व्यापारी
बनके आया यहाँ
लो धीरे- धीरे
सरताज हो गए
ले लिया राज
अपने ही हाथो में
हम गुलाम
वे भाग्य निर्णायक
धन दौलत
कोहिनूर रतन
सब उनके
प्रजा प्रताड़ित हो
मूक विवश
अपने ही घर में
आत्मा जो जागी
बिगुल बज उठे
स्वतंत्रता के
मंगल पांडे वीर ,
लक्ष्मीबाई ने
जो अलख जगाई
क्रांति हो उठी,
भगत सिंह साथी
विस्मिल और
आज़ाद चढ़े फाँसी
नेता सुभाष
वीर हजारों हुए
शहीद यहाँ
कालापानी की सजा
गले लगाई
गाँधी के साथ
सत्य अहिंसा -पथ
चले दीवाने
आज़ादी तब पाई
इसका मोल
समझें हम सभी
रक्षा कर्तव्य
तिरंगे की शान हो
हमारी आन
स्वप्न हों पूरे सभी
शत्रु न आये कभी .
-0-
गाँधी के साथ
सत्य अहिंसा -पथ
चले दीवाने
आज़ादी तब पाई
इसका मोल
समझें हम सभी
रक्षा कर्तव्य
तिरंगे की शान हो
हमारी आन
स्वप्न हों पूरे सभी
शत्रु न आये कभी .
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2- झंडा तिरंगा! (चोका)
- डॉ सरस्वती माथुर
दीप्त रख के
अहिंसा- मशाल को
झंडा तिरंगा
आज भी बाँचे गाथा
देके सन्देश
देश- प्रेम, शान्ति का
हमारी शान
न्यारा झंडा हमारा
केसर रंग
शान्ति दूत- सफ़ेद ,
हरे के संग
है मधुमय न्यारा
अहिंसा- मशाल को
झंडा तिरंगा
आज भी बाँचे गाथा
देके सन्देश
देश- प्रेम, शान्ति का
हमारी शान
न्यारा झंडा हमारा
केसर रंग
शान्ति दूत- सफ़ेद ,
हरे के संग
है मधुमय न्यारा
भारत देश प्यारा !
-0-
1 टिप्पणी:
"न्यारा झंडा हमारा
केसर रंग
शान्ति दूत- सफ़ेद ,
हरे के संग है
मधुमय न्यारा
भारत देश प्यारा !"
आप बहुत अच्छा लिखती हैं डॉ सरस्वती माथुर जी ! चोका सभी अच्छे हैं ....बधाई !
जितेंद्र जोहरी
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