गुरुवार, 25 जुलाई 2013

यूँ बदले मौसम

1-ॠता शेखर मधु
1
सावन की हरियाली
बूँदों की छमछम
ले आई  खुशहाली
2
झमझम बरसा पानी
सावन की दुल्हन
ओढ़े चुनरी धानी
-0-
2-शशि पुरवार
1
क्यूँ तुम खामोश रहे
पहले कौन कहे
दोनों ही तड़प सहें ।
2
आसान नहीं राहें
पग- पग पे  धोखा
थामी तेरी बाहें ।
3
सतरंगी यह जीवन
राही चलता जा
बहुरंगी तेरा मन ।
4
साँचे ही करम करो
छल करना छोड़ो
उजियारे रंग भरो
5
बीते कल की बतियाँ
महकाती यादें
है आँखों में रतियाँ ।
6
ये  पीर पुरानी है 
यूँ बदले  मौसम  
खुशियाँ नूरानी है  
-0-


11 टिप्‍पणियां:

ऋता शेखर 'मधु' ने कहा…

yahan par sthan dene ke liye aabhar...

साँचे ही करम करो
छल करना छोड़ो
उजियारे रंग भरो ।

bahut sunder mahiya...shashi ji ko badhai !!

Manju Gupta ने कहा…

बढ़िया प्रस्तुति
दोनों को बधाई .

shashi purwar ने कहा…

झमझम बरसा पानी
सावन की दुल्हन
ओढ़े चुनरी धानी ।. bahut sundar mahiya madhu ji ,badhai aapko

Pushpa mehra ने कहा…


madhu ji apke dono mahiya savan ke jal se tar hain.
Badhai.
Sashi ji apke sabhi mahiya sachai par chalne ki prerna dayak hain. badhai

Pushpa Mehra

Subhash Chandra Lakhera ने कहा…

सभी माहिया मनभावन हैं। ऋता जी और शशि जी, आप दोनों को बधाई और सावन की शुभकामनाएं !
-सुभाष लखेड़ा

ज्योति-कलश ने कहा…

झमझम बरसा पानी
सावन की दुल्हन
ओढ़े चुनरी धानी ।...तथा ...

ये पीर पुरानी है
यूँ बदले मौसम
खुशियाँ नूरानी है .......बहुत सुन्दर माहिया ...बधाई दोनों रचनाकारों को !!

शुभ कामनाओं के साथ
ज्योत्स्ना शर्मा

Anupama Tripathi ने कहा…

सतरंगी यह जीवन
राही चलता जा
बहुरंगी तेरा मन ।

bahut sundar mahiya ....

सावन की हरियाली
बूँदों की छमछम
ले आई खुशहाली ।

Shashi ji ...Rita jii shubhkamnayen ...

Krishna ने कहा…

बहुत सुन्दर प्रस्तुति आप दोनों को बधाई!

Anita Lalit (अनिता ललित ) ने कहा…

बहुत सुंदर माहिया!
हार्दिक बधाई... ऋता जी व शशि जी!

~सादर!!!

सुनीता अग्रवाल "नेह" ने कहा…

sundar mahiya .. rachankaro rachnakaro ko haardik subhkamnaye :)

प्रियंका गुप्ता ने कहा…

इन प्यारे से भावपूर्ण माहिया के लिए आप दोनों को बहुत बहुत बधाई...|

प्रियंका