प्रियंका गुप्ता
1
जब भी दर्द
हद से गुज़रता
रोना चाहता मन
रो नहीं पाता
ज़माने के डर से
सिर्फ़ हँसी सजाता ।
2
परदेस में
ठण्डी हवा का झोंका
धीरे से लेता आए-
यादें पुरानी
माँ का नर्म आँचल
वही सुनी कहानी ।
3
शहरी भीड़
सब कुछ मिलता
बिखरा चमचम
नहीं मिलता-
तारों की छाँव तले
वो सपने सजाना ।
4
नहीं डरती
आने वाले पल से,
जो ख़त्म हो जाएगा,
मेरी कविता
?
बिना किसी अंत के
कितनी अधूरी सी ।
5
देर हो गई
बेटी घर न आई
घबराने लगी माँ
भैया को भेजा-
‘थामे रखना हाथ
भीड़ भरे रस्ते पे।’
6
कोमल हाथ
कलम को पकड़
लिखना सीख रहे
माँ की आँखों में
सपनों का सागर
पार है उतरना ।
7
जीवन भर
रिश्तों की लाश ढोई
दर-दर भटकी
काँधों पर लादे
सपनों का बैताल.
मिला नहीं जवाब ।
8
जब भी चाहा
साथ कोई न आया
अपना या पराया
फिर भी सीखा
गुलाब सी ज़िन्दगी
मुस्करा कर जीना ।
9
ढूँढती फिरे
पनियाली नज़र
बुढ़ापे का सहारा
चिठ्ठी में आए
कितना बँटा-बँटा
कलेजे का टुकड़ा ।
10
कितना चाहा
तेरा साथ निभाना
पर तुझे भाया,
मुझको छोड़
ग़ैरों के काँधों पर
तुझे था पार जाना ।
11
प्यासी धरती
वर्षा की बाट जोहे
बेवफ़ा हैं बादल
कुछ पल को
निहार लेता रूप
मुँह फेर भागता ।
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7 टिप्पणियां:
ढूँढती फिरे
पनियाली नज़र
बुढ़ापे का सहारा
चिठ्ठी में आए
कितना बँटा-बँटा
कलेजे का टुकड़ा ।
आपके सभी सेदोका बहुत भावपूर्ण हैं मगर यह बहुत गहरे उतरा।
प्रियंका गुप्ता जी बहुत बधाई।
10
ढूँढती फिरे
पनियाली नज़र
बुढ़ापे का सहारा
चिठ्ठी में आए
कितना बँटा-बँटा
कलेजे का टुकड़ा ।
uf najane kitnon ke bhavon ko aapne shabd de diya hai
ek se badhke ek ai
rachana
सभी सेदोका बहुत सुंदर हैं पर यह तो मन को छू गए.
जब भी दर्द
हद से गुज़रता
रोना चाहता मन
रो नहीं पाता
ज़माने के डर से
सिर्फ़ हँसी सजाता ।
जीवन की सच्चाई को बहुत सुन्दरता से उतारा है.
परदेस में
ठण्डी हवा का झोंका
धीरे से लेता आए-
यादें पुरानी
माँ का नर्म आँचल
वही सुनी कहानी ।
सच में माँ का नर्म आँचल ठंडा झोंका याद दिला जाता है.
जीवन भर
रिश्तों की लाश ढोई
दर-दर भटकी
काँधों पर लादे
सपनों का बैताल.
मिला नहीं जवाब ।
जब भी चाहा
साथ कोई न आया
अपना या पराया
फिर भी सीखा
गुलाब सी ज़िन्दगी
मुस्करा कर जीना ।
दिल की बात लिख डाली आपने हार्दिक बधाई.
सादर,
अमिता कौंडल
सभी सेदोका अर्थपूर्ण...जिन्दगी के बेहद करीब!!
प्रियंका जी को बहुत बहुत बधाई !!
मन को छू लेने वाली प्रस्तुति ...सभी सेदोका जीवन की सच्चाई को प्रभावी ढंग से अभिव्यक्त करते हैं ...
प्रियंका जी को बहुत बधाई के साथ .....ज्योत्स्ना शर्मा
jivan ki dhunp chaanv se sedoka bahut kuch kah gaye...hardik badhai...
आप सब की उत्साहवर्धक टिप्पणियों का आभार...।
इन सबका श्रेय मैं आदरणीय काम्बोज जी को देना चाहूँगी, जिनकी निरन्तर प्रेरणा से हर बार एक नई विधा से जुड़ रही हूँ...।
प्रियंका
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