ताँका
1-डॉ ज्योत्स्ना शर्मा
1
सुनो हो तुम
तुम से भिन्न मेरी
कहाँ व्याप्ति
जो तुम हो समय
संग मैं तुम्हारी गति
2
यादें तुम्हारी
मधुर रागिनी सी
मिलीं शब्द से
और अंकित हुईं
ज्यों काम और रति
3
तुम्हीं काव्य में
जो अमर छंद हो
ओ भाव मेरे !
वहीं मैं भी मिलूँगी
हाँ ,बन कर यति
4
बस पावनी
मैं रहूँ वन्दना सी
हे देव मेरे
रहे अस्तित्व मेरा
बन तेरी आरती
5
मेरी प्रीत हो
परिचय हो मेरा
मेरे मीत हो
राग मन वीणा के !
मैं हूँ तुम्हारी सखी ।
-0-
2-सुशीला शिवराण
1
छोटी ज़िंदगी
भर दें खुशियों से
हम सबकी
कर स्नेह बौछार
पाएँ हर्ष अपार।
2
कटते वृक्ष
सूखती हरियाली
छिनते नीड़
छिनती प्राण वायु
बढ़ती जग पीड़ ।
3
सुहानी भोर
खिड़की पे चिरैया
पूछती मोसे
काहे को छीना नीड़
क्या तोहे बैर मोसे ?
4
फूलों का साथ
जीत में जयमाल
चढ़ें देवल
बनें प्रेम की भाषा
अंतिम-यात्रा साथ ।
5
क्यों है दारुण
मानव का जीवन
विक्षिप्त क्यों है
तेरी श्रेष्ठ रचना
ओ दरिद्रनारायण !
1
छोटी ज़िंदगी
भर दें खुशियों से
हम सबकी
कर स्नेह बौछार
पाएँ हर्ष अपार।
2
कटते वृक्ष
सूखती हरियाली
छिनते नीड़
छिनती प्राण वायु
बढ़ती जग पीड़ ।
3
सुहानी भोर
खिड़की पे चिरैया
पूछती मोसे
काहे को छीना नीड़
क्या तोहे बैर मोसे ?
4
फूलों का साथ
जीत में जयमाल
चढ़ें देवल
बनें प्रेम की भाषा
अंतिम-यात्रा साथ ।
5
क्यों है दारुण
मानव का जीवन
विक्षिप्त क्यों है
तेरी श्रेष्ठ रचना
ओ दरिद्रनारायण !
-0-
3-कृष्णा वर्मा
1
दीप्त कर लें
अँधेरी राहों को ज्यों
नन्हें जुगनू
रास्ते स्वयं चल दें
मंज़िलों की तरफ ।
2
प्रत्येक फूल
सुंदर मनोहारी
भाग्य अपना
कोई ईश चरण
कोई चढ़े मज़ार ।
3
रिश्ते नाम के
हैं केवल प्रपंच
जाने केवल
सामर्थ को तोलना
भावनाएँ बेमोल।
4
बेकार नहीं
अधूरी इमारतें
बसें परिंदे
आबाद हो जाते हैं
अधूरे स्वप्न लिये ।
-0-
11 टिप्पणियां:
sabhi rachnakaro ko badhai , jyotsana ji ke bhav bahut hi sundar lage , badhai
सभी भावपूर्ण तांका !
~सादर !
बहुत मनोहारी तांका हैं...। सभी को बधाई...।
प्रियंका
बहुत सुन्दर प्रस्तुति... सुप्रभात!
riston,prkrati ko khub darsaaya hai...hardik badhai...
बहुत सुंदर !!
एक से बढ़कर एक !
sabhi rachnayen sundar hain
सुहानी भोर
खिड़की पे चिरैया
पूछती मोसे
काहे को छीना नीड़
क्या तोहे बैर मोसे .....वैसे सभी रचनाएं सुंदर हैं....
त्रिवेणी
ताँका
डॉ ज्योत्स्ना शर्मा
1
सुनो हो तुम
तुम से भिन्न मेरी
कहाँ व्याप्ति
जो तुम हो समय
संग मैं तुम्हारी गति
आप सभी का ह्रदय से आभार ...!!
सभी ताँका बहुत भावपूर्ण. अप सभी को बधाई.
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